ये देश है वीर जवानों का अलबेलो का मस्तानों का इस देश का यार क्या कहना ये देश है वीरो का गहना
मुरख का है जो सरपंच लिख लिख के निकाले अपने दिल के रंज सत्ता के खेल को जाने है बखूबी मुरख मंच से करे जिस पर हरदम तंज जाने है सब कुछ वो लेकिन बनता अंजान है कैसा अजब है उनका ये ढंग भोलेभाले से है वो सब को किये अपने संग देश की माटी का इन पे चढा मतवाला रंग
भ्रमर ने खिया फूल, फूल को ले गया राजकमल… भ्रमर तू कहना न भूल फूल तुझे लग जाये मेरी उमर
कुञ्ज गलियों में डोले गोपियों की तलाश में बागों बागी घुमे कलियों की फ़िराक में
छोटा बच्चा जान के ना तुम आँख दिखाना रे अक्ल का कच्चा समझ के न कोई न हम को समझाना रे
कितना सुबोध अपना अबोध लिख लिख के निकाले अपना क्रोध हर दिन बस करता एक ही शोध देखे न कोई बाला क्यूँ मेरी ओर मेरे जीवन में ही क्यूँ ये अवरोध जीवन में क्यूँ है ये अवरोध
उसे न जब ये समझ आया, प्रेम गुरु ने उसको ये समझाया पहले तो बच्चा अपना पिच्चर बदल डालो खुद को स्वीट 8 के भ्रम से बहार निकालो बातों को मत छोड़ा करो अधूरा , जो कहना होता है कहा करो पूरा जीवन से त्याग दो तुम अब ये …….. विराम अगली होली तक हो जायेगा कल्याण
हम होंगे कामयाब हम होंगे कामयाब हम होंगे कामयाब एक दिन हो हो मन है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन
क्या करे क्या न करे ये कैसी मुश्किल हाय कोई तो बता दे इसका हाल मेरे भाई
जरा सामने तो ओ छलिये
यूँ के कुछ ही देर में बसंती इस मंच को अलविदा कह देगी और अपनी अंतिम पोस्ट से कुछ राज साझा करेगी तब तक बने रहिये बसंती के संग रामगढ़ वालो की होली इसी तरह मनाई जाती है मंच वालो………… ये बसंती ने बता दिया है यूँ की होली के दिन दिल मिल जाते है दुश्मन भी गले मिल जाते है……………. होली है
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